महथिन माई मंदिर भोजपुर जिला मुख्यालय से पश्चिम दिशा में करीब २० किलोमीटर दूरी पर बिहीया में स्थित है. यहाँ सती शिरोमणि महथिन माई का मंदिर है.
लोगो का कहना है कि यह मंदिर अत्याचार,अनाचार और कुकर्म पर सदाचार के विजय का प्रतिक है. माना जाता है कि उस इलाके का राजा दुराचारी था, वह उधर से गुजरने वाली नई-नवेली दुल्हनो की डोली पहले अपने पास मंगवा लेता था, जब सिकरिया गांव के श्रीधर महंथ की बेटी की डोली उस रस्ते से सोंन नदी के पास तुलसी हरीग्राम की ओर जा रही थी तो राजा के सैनिको ने डोली रोक ली और महल की ओर चलने को कहा, जिसका महथिन ने विरोध किया. जब सैनिको ने जबरदस्ती की तो महथिन ने क्रोधित हो कर राजवंश के नाश होने का शाप दे दिया.बताया जाता है की इस घटना के बाद महथिन की डोली में स्वतः आग लग गई और वह सती हो गई और घटना के बाद हरिहोवंश का नाश हा गया . yaha पर जो कोई भी bhakt सचे man se mahthin ma se mangta hai maa उसे जरुर पूरा करती hai .
so nice yaar
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