जलेबी मिष्ठान
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इतिहास
कुछ लोगों का मानना है कि जलेबी मूल रूप से अरबी शब्द है और इस मिठाई का असली नाम है जलाबिया। यूं जलेबी को विशुद्ध भारतीय मिठाई मानने वाले भी हैं। शरदचंद्र पेंढारकर (बनजारे बहुरूपिये शब्द) में जलेबी का प्राचीन भारतीय नाम कुंडलिका बताते हैं। वे रघुनाथकृत ‘भोज कुतूहल’ नामक ग्रंथ का हवाला भी देते हैं जिसमें इस व्यंजन के बनाने की विधि का उल्लेख है। भारतीय मूल पर जोर देने वाले इसे ‘जल-वल्लिका’ कहते हैं । रस से परिपूर्ण होने की वजह से इसे यह नाम मिला और फिर इसका रूप जलेबी हो गया। फारसी और अरबी में इसकी शक्ल बदल कर हो गई जलाबिया। उत्तर पश्चिमी भारत और पाकिस्तान में जहां इसे जलेबी कहा जाता है वहीं महाराष्ट्र में इसे जिलबी कहा जाता है और बंगाल में इसका उच्चारण जिलपी करते हैं। जाहिर है बांग्लादेश में भी यही नाम चलता होगा। [2]व्यंजन विधि
यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
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भारत प्रवेशद्वार |
विधि- ईस्ट के दाने गुनगुने पानी में १० - १२ मिनिट के लिये भिगो दें, इसको पानी में घोल लें। एक बर्तन में मैदा और ईस्ट का घोल डालें, पानी डाल कर मैदा को घोलें, घोल अधिक गाढ़ा या पतला न हो। इस घोल को करीब १२ घंटे के लिये ढककर रख दें। १२ घंटे के अन्दर इस घोल में खमीर उठ आयेगा और यह जलेबी के लिए तैयार हो जाएगा। जलेबी बनाने के लिये पहले इसकी चाशनी तैयार करें। उसके बाद जलेबी तल कर चाशनी में डालें। चाशनी बनाने की विधि नीचे दी गई है। जलेबी बनाने के लिये कढ़ाई ज्यादा चौड़ी और कम गहरी होती है। कढ़ाई में घी गरम करें। जलेबी बनाने के लिये एक विशेष प्रकार का कपड़ा या डिब्बा बाजार में मिलता है। जलेबी बनाने के लिये दूध की थैली से निकली प्लास्टिक का उपयोग भी कर सकते हैं।
खमीर उठे मैदे के मिश्रण को अच्छी तरह से फेंट लें। इसे जलेबी बनाने वाले डिब्बे या थैली में भरकर इसकी की धार हाथ को गोल गोल चलाते हुये कढ़ाई में डालें। कुरकुरी होने तक सेंकें। सिंकी हुई जलेबियाँ कढ़ाई से निकाल कर चाशनी में डालें। ५ मिनिट बाद चाशनी से निकाल कर प्लेट में रखें। इसी तरह सारी जलेबियाँ तैयार कर लें।
चाशनी के लिये आवश्यक सामग्री- चीनी — ४०० ग्राम ( ४ कटोरी ), पानी — २०० ग्राम, (२ कटोरी), दूध — १ बड़ा चम्मच(वैकल्पिक), केसर — एक चुटकी(वैकल्पिक)
विधि- एक बर्तन में चीनी और पानी मिला कर गरम होने के लिये रखें। पानी में उबाल आने के बाद उसमें दूध डाल दें और जो गन्दे से झाग आयें उसे एक कलछी से प्लेट में निकाल दें। चाशनी बिलकुल पारदर्शक बनती है। अब इस चाशनी में केसर की पत्तियाँ डाल दें। करीब ८-१० मिनट उबालें।[3]
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